Friday, May 15, 2009

बंगाल के लालकिले में सेंध तय


प्रभाकर मणि तिवारी
पश्चिम बंगाल में अबकी वामपंथियों के लालकिले में सेंधमारी तय है। खुद वाममोर्चा के नेता भी अबकी पिछली बार के 35 के मुकाबले 28 से ज्यादा सीटों का दावा करने को तैयार नहीं हैं। राज्य की 42 लोकसभा सीटों के नतीजे राज्य में भावी राजनीति की दशा-दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इनसे कई सवालों के जवाब तो मिलेंगे ही, यह भी पता चलेगा कि सिंगुर और नंदीग्राम जैसे मुद्दों पर खास कर शहरी मतदाता क्या सोचते हैं। अब नतीजों से यह बात सामने आएगी कि तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन इस लालकिले में कितना सेंध लगा पाता है।
इस चुनाव में कांग्रेस के यथास्थिति रहने की उम्मीद है। तृणमूल कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ है ही नहीं। इसलिए उसे फायदा मिलना तय है। तृणमूल का फायदा यानी वाममोर्चा का नुकसान। अब यह नुकसान कितना और कहां होगा, इस पर मोर्चे के नेता तमाम माथापच्ची के बावजूद किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं।
अबकी चुनावों में राज्य में नैनो, खेत और विकास ही मुद्दा रहे हैं। दोनों प्रमुख गठबंधनों ने अपने-अपने तरीके से इनको भुनाने का प्रयास किया है। वाममोर्चा ने जहां टाटा की लखटकिया के राज्य से जाने के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेवार ठहराते हुए उन पर विकासविरोधी तमगा लगाने का प्रयास किया है, वहीं ममता ने सरकार पर खेती की कीमत पर उद्योगों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। महीनों लंबे चले चुनाव अभियान के दौरान अपनी-अपनी जीत के भारी-भरकम दावे करने वाले राजनीतिक दल नतीजों के ठीक पहले पक्के तौर पर कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं। परिसीमन ने सबको ऐसा उलझाया है कि उनको खुद पर भी भरोसा नहीं रहा। दरअसल, तीन दौर में हुए चुनाव के दौरान 75 से 80 फीसद मतदान ने भी तमाम राजनीतिक दलों को असमंजस में डाल दिया है। उनको यह समझ में नहीं आ रहा है कि इतना भारी मतदान आखिर किस बात का संकेत है। वैसे, बीते विधानसभा चुनावों में भी भारी मतदान हुआ था और तब वाममोर्चा ने रिकार्ड सीटें जीती थीं। लेकिन तब से हालात बदले हैं। सिंगुर और नंदीग्राम जैसी घटनाएं उसके बाद हुई हैं और विपक्ष भी काफी हद तक एकजुट नजर आ रहा है।
कांग्रेस ने पिछली बार छङ सीटें जीती थीं। इनमें से सभी सीटें उत्तर बंगाल में हैं। वहां दार्जिलिंग सीट पर तो गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का हाथ पकड़ कर मैदान में उतरे भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत की जीत तो कमोबेश तय ही है। यानी कांग्रेस की यह सीट तो हाथ से निकली ही है। इस कमी को पार्टी मालदा में पूरा करने का प्रयास कर रही है। पहले मालदा में एक ही सीट थी। लेकिन परिसीमन के बाद वहां दो सीटें बन गई हैं। पार्टी की अंतरकलह और गुटबाजी के बावजूद पार्टी को उन दोनों सीटों पर जीत की उम्मीद है। इसी तरह माकपा को राजधानी कोलकाता में एक सीट का नुकसान होने वाला है। कोलकाता में पहले तीन सीटें थीं। पिछली बार उनमें से एक पर ममता बनर्जी जीती थी और बाकी दो माकपा की झोली में गई थीं। लेकिन परिसीमन के बाद दो ही सीटें रह गई हैं। इनमें से कोलकाता दक्षिण सीट ममता की पारंपरिक सीट रही है। परिसीमन से उलझे समीकरणों के बावजूद कोई वामपंथी नेता ममता की हार का दावा करने का तैयार नहीं है। कोलकाता उत्तर सीट पर कांटे की टक्कर रही। यहां जीत-हार का अंतर काफी कम रहने की उम्मीद है।
लंबे अरसे बाद कांग्रेस व तृणमूल ने इन चुनावों में एक बार फिर एक-दूसरे का हाथ थामा था। अगर नतीजे उसके पक्ष में रहते हैं तो राज्य की भावी राजनीति में इस गठबंधन की अहम भूमिका हो सकती है। अगले साल राज्य में नगरनिगम व नगपालिका चुनाव होने हैं। हर विधानसभा चुनाव के साल भर पहले होने वाले इन चुनावों को राज्य में मिनी चुनाव कहा जाता है। उसके बाद 2011 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
वाममोर्चा के पिछली बार बंगाल की 42 में से 35 सीटें मिली थीं। मोर्चे के नेता अबकी केंद्र में तीसरे मोर्चे की सरकार बनवाने और उसमें शामिल होने के लिए सक्रिय हैं। लेकिन यहां अपने किले में लगने वाली कोई भी बड़ी सेंध उसके इस प्रयास पर पानी फेर सकती है। इसलिए नतीजों से पहले मोर्चा खासकर माकपा के नेताओं ने भी अपने ओठ सिल रखे हैं।

7 comments:

  1. हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
    इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

    कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
    www.samwaadghar.blogspot.com
    शुभकामनाओं सहित
    संजय ग्रोवर

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  2. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है....

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  3. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  4. बहुत सुंदर.हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मेरे ब्लोग पर भी आने की जहमत करें।

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