Friday, May 15, 2009

मणिपुर में लोकप्रिय होता बेसबाल



मणिपुर में लोकप्रिय होता बेसबाल
बेसबाल का खेल और अमेरिका लंबे अरसे से एक-दूसरे के पर्याय बने हुए हैं. लेकिन भारत के पूर्वोत्तर में में स्थित छोटे-से पर्वतीय राज्य मणिपुर में पहुंचने के बाद यह धारणा बदलने लगती है. जिस बेसबाल का नाम लेते ही आम तौर पर सात समंदर पार अमेरिका का ख्याल उभरता है वह इस राज्य में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. राज्य में छोटी-बड़ी कोई दो दर्जन से ज्यादा बेसबाल टीमें हैं, जो नियमित तौर पर यह खेल खेलती हैं. पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित राज्यों में शुमार होने वाले इस राज्य में बिना किसी खास सुविधा और ड्रेस के इस विदेशी खेल ने लोकप्रियता के मामले में क्रिकेट व फुटबाल को भी पीछे छोड़ दिया है. किसी जमाने में मणिपुर की पहचान पोलो से थी. लेकिन अब बेसबाल इसकी पहचान बनता जा रहा है.
पूर्वोत्तर का यह छोटा लेकिन खूबसूरत पर्वतीय राज्य उग्रवाद और नशीली पदार्थों की तस्करी के चलते अक्सर सुर्खियों में रहा है. राज्य में लगभग 50 हजार लोग नशे के शिकार हैं. लेकिन अब बेसबाल का नशा इन युवकों के सिर चढ़ कर बोल रहा है.
मणिपुर पूरे भारत ही नहीं बल्कि शायद दक्षिम एशिया का पहला देश है जहां बेसबाल की कोई 26 टीमें हैं. यहां कोई यह नहीं बताता कि इस खेल की शुरूआत कब हुई. मोटी जानकारी के मुताबिक, लगभग दो दशक पहले दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने मणिपुर के कुछ एथलीटों को इस खेल के गुर सिखाए थे. उससे पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान तैनात कुछ अंग्रेज साहब भी यह खेल खेलते थे. अब मणिपुर बेसबाल एसोसिएशन के तहत 26 टीमें पंजीकृत हैं. इनमें से चार टीमें तो महिलाओं की ही हैं. बीते साल एक अमेरिकी गैर-सरकारी संगठन फर्स्ट पिच ने मणिपुर में बेसबाल को बढ़ावा देने के लिए एक परियोजना शुरू की थी. अमेरिका में रहने वाले मणिपुरी युवक सोमी राय की ओर से शुरू इस परियोजना का मकसद राज्य में इस खेल को पेशेवर स्वरूप देना था. यह संगठन राजधानी इंफाल में एक बेसबाल पार्क भी बनवा रहा है.
उक्त संगठन के अध्यक्ष माइक पीटर्स ने स्थानीय युवक-युवतियों को बेसबाल का प्रशिक्षण देने के लिए दो पुस्तकें तो भेजी ही हैं,उनके लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की है. संगठन ने मणिपुर में इस खेल पर बेसबाल ड्रीम्स नामक एक लघु पिल्म बी बनाई है. इस राज्य में खेलों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय महाराजा चंद्रचूड़ (1939) को है. उन्होंने अपने खर्च पर यहां कई पोलो क्लबों की स्थापना की थी. सोमी राय का मानना है कि शायद इस खेल की नींव भी उसी दौरान पड़ी हो. राज्य की लोक कथाओं में भी बेसबाल का जिक्र मिलता है.
उग्रवाद से जूझ रहे इस राज्य में बेसबाल की बढ़ती लोकप्रियता से प्रभावित होकर हालीवुड की फिल्म निदेशक मीरा बैंक ने इस पर एक फिल्म बनाने का भी एलान कर दिया है. सोमी राय कहते हैं कि ‘यह खेल अमेरिका व मणिपुर के बीच की दूरी तो घटाएगा ही, नशे व उग्रवाद के दलदल में फंसे राज्य के युवकों को जीने की एक नई राह भी दिखाएगा.’ यह तथ्य भी दिलचस्प है कि राज्य में बेसबाल खेलने वाले ज्यादातर युवक किसी जमाने में नशे के आदी रह चुके हैं. लेकिन अब बेसबाल का नशा बाकी तमाम नशीली वस्तुओं पर भारी पड़ रहा है.

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