कोलकाता, 25 अप्रैल। पश्चिम बंगाल में बीते सप्ताह से लगातार चढ़ते पारे ने कोलकाता और दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में चुनावी बुखार को काफी हद तक उतार दिया है। लगातार कड़ी धूप और गर्म हवा के थपेड़ों ने उम्मीदवारों और चुनाव प्रचार में जुटे कार्यकर्ताओं का घरों से निकलना मुहाल कर दिया है। पहले जहां सुबह से देर रात तक विभिन्न राजनीतिक दलों के जो उम्मीदवार और कार्यकर्ता चुनावी रैलियों और पदयात्राओं में व्यस्त नजर आ रहे थे, अब सुबह 11 बजते न बजते घरों और चुनावी कार्यालयों तक सिमट जाते हैं। उसके बाद लगभग सूर्यास्त के समय ही चुनाव अभियान का दूसरा दौर शुरू होता है। लगातार बढ़ती गर्मी ने कार्यकर्ताओं से लेकर उम्मीदवारों तक, सबका जोश ठंडा कर दिया है। बीते सप्ताह से अचानक बदले मौसम ने उम्मीदवारों को अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी ने इन उम्मीदवारों की दुश्चिता और बढ़ा दी है। विभाग ने अभी दो-तीन दिनों तक हालत में कोई बदलाव नहीं होने की बात कही है।
महानगर कोलकाता में अप्रैल के महीने में बीते एक दशक में कभी इतनी गर्मी नहीं पड़ी थी। यहां पारा लगातार 40 से 42 डिग्री सेंटीग्रेड तक बना हुआ है। दक्षिण बंगाल के बाकी जिलों खासकर बांकुड़ा, पुरुलिया और पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर की हालत तो और बुरी है। वहां तापमान 44 से 45 डिग्री के बीच है। ऐसे में उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार में पसीने छूट रहे हैं। मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ चुनाव प्रचार में तेजी आने की बजाय गर्मी के चलते सुस्ती आ गई है। उम्मीदवारों ने गर्मी से बचने के लिए अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव किए हैं। बावजूद इसके तापमान के 40 या उससे ऊपर पहुंचते ही उनकी हिम्मत जवाब दे रही है। कड़ी धूप के साथ पूरे दिन चलने वाले गर्म हवाओं के थपेड़ों ने टोपी और छाते जैसे धूप से बचने के पारंपरिक उपायों को भी बेअसर कर दिया है।
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