आर्थिक तंगी के बावजूद वाममोर्चा सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी, दो रुपए किलो चावल देने और अल्पसंख्यक तबके के छात्रों को करोड़ों की छात्रवृत्ति बांटने के उसके हालिया फैसलों से साफ है कि सरकार ने चुनावों को ध्यान में रख कर ही ऐसा किया है। इसके अलावा आर्थिक मंदी से निपटने व राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपए के एक विशेष पैकेज का भी एलान कर दिया है। विपक्षी राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि वाममोर्चा सरकार अपने हितों को साधने के लिए ही मंदी के इस दौर के बावजूद दोनों हाथों से सरकारी खजाना लुटा रही है।
आम चुनावों से पहले सरकारी कर्मचारियों को अपने पाले में करने के लिए सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की एक और किस्त देने का तो एलान किया ही है, छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी लागू कर दी हैं। यह छह फीसदी महंगाई भत्ता आज से ही लागू हो गया है। इससे राज्य सरकार पर मौजूदा वित्त वर्ष में 63 करोड रूपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके अलावा सरकार ने पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी पहली अप्रैल से लागू करने का एलान किया है। इससे 13 लाख सरकारी कर्मचारियों का वेतन लगभग 32 फीसद बढ़ जाएगा। पहली अप्रैल से ही कर्मचारियों को चार फीसद की दर से महंगाई भत्ते की एक और किस्त मिलेगी। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन भी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर हो गया है। इस मद में सरकार पर साढ़े पांच हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा।
वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता ने कहा है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के अध्ययन के लिए गठित समिति की रिपोर्ट मिलने के महज 13 दिनों के भीतर उसे मंजूरी दे दी गई। इससे सरकार की तेजी समझ में आती है।
सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों राशन के जरिए दो रुपए किलो की दर से चावल मुहैया कराने का भी एलान किया है। यह योजना सरकारी एलान के अगले दिन से ही लागू कर दी गई है। इसके लिए 35 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। सरकार को जब लगा कि इस नई योजना के तहत शुक्रवार, जिस दिन राशन दिया जाता है, तक चावल की खरीद संभव नहीं है तो उसने राशन डीलरों को मौजूदा स्टॉक से ही यह चावल देने का निर्देश दिया। यह चावल छह रुपए किलो की दर से खरीदा गया है। इससे राशन डीलरों को होने वाले नुकसान की भरपाई इस योजना के तहत आवंटित 35 करोड़ की रकम से की जाएगी।
सरकार ने अल्पसंख्यक तबके के छात्र-छात्रों की छात्रवृत्ति और शिक्षा कर्ज के तौर पर दी जाने वाली रकम भी बीते साल के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ा कर 31 करोड़ कर दिया है। इससे लगभग एक लाख छात्रों को फायदा होगा।
आर्थिक मंदी से निपटने तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने 5,106 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज का एलान किया है। वित्तमंत्री असीम दासगुप्ता कहते हैं कि आर्थिक मंदी में राज्य की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े और गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले लोगों को राहत मिले, इसीलिए सरकार ने इस पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत बीपीएल तबके के लोगों को राशन दुकानों में दो रुपये प्रतिकिलो की दर से चावल मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के बंद कल-कारखानों व चाय बागानों के मजदूरों का मासिक भत्ता 750 रुपए से बढ़ा कर एक हजार कर दिया गया है। पैकेज में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में बीपीएल तबके के लोगों के लिए गृह निर्माण योजना के लिए एक हजार करोड़ रुपए के आवंटन का प्रावधान रखा गया है। पैकेज के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नए स्कूल व मदरसे खोलने के लिए धन उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा दो विश्वविद्यालय भी खोले जाएंगे।
सरकार ने राज्य के जेलों की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही उनकी खस्ताहाल स्थिति को सुधारने के लिए भी 10 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस रकम से जेलों में रेडियो स्कैनर, मेटल डिटेक्टर व सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस रकम में लगभग चार करोड़ रुपए जेलों के रिकार्ड को कंप्यूटरीकृत करने में खर्च होंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज के एलान और कर्मचारियों की वेतनवृद्धि का मुद्दा विधानसभा के बजट अधिवेश के दौरान उठाने का फैसला किया है। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि अधिवेशन जल्दी ही शुरू होने वाला है। ऐसे में सरकार ने सदन को अंधेरे में रख कर तमाम घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दरअसल कर्मचारियों को बेवकूफ बना रही है। वह नए वेतनमान के तहत वर्ष 2006 से उनके बकाए का भुगतान नहीं करेगी। तृणणूल ने सरकार की इन तमाम घोषणाओं को चुनावी स्टंट करार दिया है।
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