Tuesday, June 16, 2009
वहां भूत खिलाएंगे खाना!
बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जिनको किसी खंडरहरनुमा अंधेरे कमरे में भूतों का नाम सुन कर सिहरन नहीं होने लगे. भूत-प्रेत का इस्तेमाल अब तक डरावने अर्थ में ही होता रहा है. लेकिन अब यह परिभाषा जल्दी ही बदलने वाली है. अब कोलकाता के पास बन रहे एक रेस्तरां में भूत आपसे आपके मनपसंद खाने का आर्डर तो लेंगे ही, आपको खाना भी वही परोसेंगे. यह कमाल करने जा रहे हैं मशहूर जादूगर पी.सी.सरकार जूनियर. वे इस साल के आखिर तक हावड़ा में हाइवे के किनारे एक ऐसा रेस्तरां खोलने जा रहे हैं जहां वेटर से लेकर मैनेजर तक तमाम लोग भूतों और नरकंकालों के मेकअप में ही होंगे.अगर आप दिल के मजबूत है और भूत-प्रेत को अंधविश्वास मानते हैं तो भूतों के इस रेस्तरां में आपका स्वागत है. इसमें आप निडर होकर हर तरह के लजीज व्यंजन का लुत्फ उठा सकते हैं. अगर आप भूत-प्रेत को मानते हैं तो इस रेस्तरां में कुछ समय बिताने के बाद आपकी सोच बदल जाएगी.हां, ग्राहक के तौर पर उस रेस्तरां में जाने के लिए आपका जिगर कुछ मजबूत होना जरूरी है. सरकार कहते हैं कि ‘यह एक नया प्रयोग है. इसका मकसद लोगों में फैला यह अंधविश्वास दूर करना है कि भूत-प्रेत दरअसल हमारे अवचेतन दिमाग की ही उपज है. रेस्तरां में ग्राहकों के लिए रोजाना जादू के हैरतअंगेज करतब भी दिखाए जाएंगे.’ सरकार कहते हैं कि शायद यह देश में अपनी तरह का पहला रेस्तरां होगा। यह सप्ताह में सातों दिन खुला रहेगा.सरकार जूनियर के अलावा उनकी जादूगर पुत्री मानेका सरकार और उनकी मंडली के सदस्य भूत रेस्तरां के कार्यक्रमों पर निगरानी रखेंगे। इस रेस्तरां की इमारत बाहर से खंडहरनुमा होगी. भीतर जाने पर कब्रें भी नजर आएंगी. दीवारों और खिड़कियों पर भुतों की तस्वीरें होंगी. खास तौर पर बने माडलों, लेजर किरणों और प्रकाश के तालमेल से इस माहौल को काफी असरदार बनाने की योजना है.सरकार जूनियर कहते हैं कि ‘कल्पना कीजिए कि आप किसी भूतरूपी वेटर को खाने का आर्डर देकर अपनी मनपसंद डिश आने का इंतजार कर रहे हों, उसी समय दीवार में बनी खिड़की में से कोई भूत या नरकंकाल निकल कर आपके बगल वाली कुर्सी पर बैठ जाए.’ वे कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति डर जाता है तो वह बाहर जा सकता है. भूत ही उसे बाहर का रास्ता दिखा देंगे. लेकिन आखिर तक रुकने की हालत में इस जादू के पीछे के विज्ञान को समझ कर उसका अंधविश्वास काफी कम हो जाएगा.सरकार का कहना है कि मेरा मकसद पैसे कमाना नहीं है. मैं हर उम्र के लोगों बताना चाहता हूं कि आखिर ये जादू है क्या? वे कहते हैं कि ‘जादू और कुछ नहीं बल्कि विज्ञान का ही एक रूप है.’सरकार की पुत्री मानेका भी इस परियोजना के प्रति काफी उत्साहित हैं. वे कहती हैं कि ‘आम लोगों के लिए यह एक दिलचस्पी का विषय होगा.जादू के प्रति लोगों में बहुत पहले से आकर्षण रहा है. अब उस रेस्तरां में हम जादू के जरिए ही आम लोगों खासकर किशोर पीढ़ी के मन से अंधविश्वास दूर करने का प्रयास करेंगे.’
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