पश्चिम बंगाल में चक्रवाती समुद्री तूफान आइला के गुजर जाने के एक पखवाड़े बाद भी तूफानपीड़ितों को राहत पहुंचाने के मुद्दे पर राजनीति थमने की बजाय लगातार तेज होती जा रही है। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। तृणमूल कांग्रेस तो इस बैठक में नहीं गई। लेकिन उसकी सहयोगी कांग्रेस के प्रतिनिधि इसमें मौजूद थे। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और रेल मंत्री ममता बनर्जी ने तूफान पीड़ितों को रेलवे की ओर से राहत भेजने का एलान किया है। इसबीच, केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तीन अलग-अलग टीमें भी दार्जिलिंग के अलावा आइला से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर और दक्षिण 24-परगना जिलों का दौरा कर चुकी है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने भी राहत के सवाल पर अपनी राजनीति चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तूफानपीड़ित इलाकों के दौरे पर लाने का प्रयास कर रही है। विडंबना यह है कि सुंदरबन के कई इलाकों में लोग अब भी दाने-दाने को तरस रहे हैं। खाने और पानी की कमी के चलते इलाके में गांव के गांव तेजी से खाली हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री बुद्धदेव भंट्टाचार्य की अध्यक्षता में रविवार को यहां राइटर्स बिल्डिंग में आयोजित सर्वदलीय बैठक में तूफान पीड़ितों को दलगत हितों से ऊपर उठ कर अधिक से अधिक राहत उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में राहत ठीक से नहीं पहुंचने पर सभी दलों ने सवाल उठाए हैं। सबके सहयोग से राहत पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। 14 जून को फिर सर्वदलीय बैठक होगी। इसमें राहत कार्य की समीक्षा की जाएगी। बैठक में विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी एसयूसीआई शामिल नहीं हुई। भाजपा का भी कोई प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं हुआ। कांग्रेस के मानस भुइंया और सुब्रत मुखर्जी शामिल हुए। बैठक में पीड़ितों को अधिक से अधिक राहत उपलब्ध कराने और उचित पुनर्वास पर सहमति हुई। तृणमूल ने यह कहते हुए इस बैठक का बायकाट किया था कि तूफान गुजर जाने के दो हफ्ते बाद अब इस बैठक का कोई मतलब नहीं है। यह काम पहले होना चाहिए था।
दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता डा. मानस भुइयां ने राहत के तौर पर भेजी जाने वाली खाद्य सामग्री को राशन दुकानों में बेचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मेदिनीपुर में तूफान पीड़ितों से बात करने पर पता चला कि उन्हें अब तब राहत सामग्री नहीं मिली है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकांश खाद्य सामग्री राशन दुकानों में बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि जब मैंने दुकानदारों से बात की तो राहत सामग्री बेचने की खबर सच निकली। इससे जिला प्रशासन व मुख्य सचिव अशोक मोहन चक्रवर्ती को अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस बारे में मुख्यमंत्री को भी एक पत्र भेजा है। भुइयां का आरोप है कि राहत सामग्री बेचने में स्थानीय माकपा नेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर बंगाल के केन्द्रीय मंत्री तूफान पीड़ितों के लिए राहत के लिए आवाज उठा रहे हैं दूसरी तरफ राहत सामग्री बेची जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि जल्दी ही सर्वदलीय राहत कमेटी बनाकर खाद्य सामग्री का वितरण का काम नहीं शुरू होता तो पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे और 15 जून से शुरू होने वाले विधानसभा के वर्षाकालीन अधिवेशन में सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
इसबीच, मुख्यमंत्री बुद्धदेव भंट्टाचार्य ने रेल मंत्री की हैसियत से ममता बनर्जी के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि प्राकृतिक विपदा की इस घड़ी में सबका सहयोग जरूरी है। उन्होंने पीड़ितों की मदद में केंद्र की भूमिका की सराहना की है। बुद्धदेव ने पहली बार ममता बनर्जी के सहयोग के प्रति भी आभार जताया है और उनके कदम का स्वागत किया है। प्रणव मुखर्जी के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के बाद केंद्र ने पीड़ितों के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर किए थे।
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से चक्रवाती तूफान आइला से प्रभावित इलाकों का दौरा करने का अनुरोध किया है। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में कहा है कि पीड़ितों की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है और राज्य सरकार राहत में ढिलाई बरत रही है। ऐसे में उनको एक बार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए। इस पर प्रधानमंत्री ने संसद सत्र समाप्त होने के बाद तूफान से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का भरोसा दिया है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार उनके साथ सोनिया गांधी के भी आने की संभावना है।
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने तूफान पीड़ितों की मदद के लिए सरकारी कोष से और पांच करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। वित्तामंत्री डा. असीम दासगुप्ता ने बताया कि तूफान पीड़ितों की मदद के लिए अब तक 117 करोड़ दिए जा चुके हैं। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजी जा रही है। 463 डाक्टरों की टीमें दिन- रात चिकित्सा सुविधा मुहैया कर रही है। डा. दासगुप्ता ने कहा कि 75 फीसदी तटबंधों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। सुंदरवन विकास मंत्री कांति गांगुली व सिंचाई मंत्री सुभाष नस्कर को दक्षिण 24-परगना के बासंती व गोसाबा और नागरिक रक्षा मंत्री श्रीकुमार मुखर्जी को उत्तर 24-परगना के बसीरहाट में रह कर राहत कार्यों का निरीक्षण करने को कहा गया है। वित्ता मंत्री ने कहा कि तूफान पीड़ितों इलाकों का जायजा लेने आई केन्द्रीय टीम ने गृह सचिव अर्द्धेंदु सेन, उत्तर व दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारियों, वित्त, स्वास्थ्य , लोकनिर्माण व पर्यावरण विभाग के सचिवों के साथ बातचीत की है। उसने तूफान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। केंद्रीय टीम इसी हफ्ते केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
Monday, June 8, 2009
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