Wednesday, June 10, 2009

बंगाल में अबकी हाईटेक हुआ चुनाव प्रचार

कोलकाता, 3 अप्रैल। अबकी लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर आधनिक तकनीक का गहरा रंग नजर आ रहा है। दीवार लेख, बैनर और पोस्टर के पारंपरिक तरीकों के साथ ही अबकी चुनाव अभियान हाईटेक हो गया है। पहली बार राज्य में कई उम्मीदवारों ने चुनाव अभियान चलाने के लिए वेबसाइट का सहारा लिया है तो कई आर्कुट व फेस बुक जैसी सोशल नेटवर्किंग जैसी साइटों पर अभियान चला रहे हैं। विदेश मंत्री और जंगीपुर संससीदय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी समेत कई उम्मीदवारों ने अपने अभियान को पेशेवर स्वरूप देने के लिए जनसंपर्क एजंसियों की सेवाए ली हैं। कुल मिला कर पहली बार बंगाल में चुनाव प्रचार हाईटेक होता नजर आ रहा है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार ही नहीं, बंगाल में चुनाव विभाग भी पहली बार हाईटेक हो गया है। उसने अबकी राज्य में चुनाव से जुड़े तमाम कर्मचारियों के साथ सीधे संपर्क में रहने के लिए ब्लाग का सहारा लिया है।
अबकी लोकसभा चुनाव प्रचार में भी युवाओं को आकर्षित करने के लिए पार्टियां इंटरनेट का सहारा ले रही हैं। ब्लाग्स, सोशल नेटवर्किंग व इंटरेक्टिव वेबसाइटों के जरिए उनसे संपर्क साधने की कोशिश हो रही है। माकपा ने अपनी चुनावी वेबसाइट को अपडेट कर दिया है। इस पर यू ट्यूब के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु, महासचिव प्रकाश कारत, मोहम्मद सलीम और दूसरे नेताओं के वीडियो डाले गए हैं। पार्टी का मानना है कि युवा पीढ़ी व पेशेवर वर्ग तक अपनी बात पहुंचाने का यह प्रभावी माध्यम है। आर्कुट व फेसबुक जैसी नेटवर्किंग साइटों पर मोहम्मद सलीम समेत पार्टी के कई उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार चल रहा है। माकपा के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु ने हाल ही में यादवपुर सीट के सांसद सुजन चक्रवर्ती की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट सुजन डाट इन्फो का उद्घाटन किया था। इस वेबसाइट में उम्मीदवार और उनके चुनाव क्षेत्र की विस्तृत जानकारी के साथ ही जीत के आंकड़ों का ब्योरा है। वेबसाइट लोगों को सवाल पूछने के लिए भी आमंत्रित करती है। चक्रवर्ती कहते हैं कि लोग मुझसे कोई भी सवाल पूछ सकते हैं और मैं उनको 24 घंटे के भीतर जवाब दे दूंगा। मैं अपनी वेबसाइट के जरिए सभी से बात करूंगा। सलीम बीते लोकसभा चुनावों में अपनी वेबसाइट शुरू करने वाले पहले उम्मीदवार थे। इस बार उनके अलावा सुजन चक्रवर्ती और अमिताभ नंदी ने भी वेबसाइट शुरू की है।
उधर, तृणमूल कांग्रेस इंटरनेट के जरिए मतदाताओं को लुभाने के काम में जोर-शोर से जुट गई है। सोशल नेटवर्किंग साइटों पर 'कम्युनिटीज' बन गई हैं। कहीं ममता बनर्जी फैन क्लब का गठन किया गया है तो कहीं पार्टी के दूसरे उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार चल रहा है। पार्टी की वेबसाइट की जरिए भी प्रचार किया जा रहा है। वेबसाइट को देखरेख करने वाली कंपनी चुनाव प्रचार के लिए वेबसाइट को लगातार अपडेट कर रही हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष और विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने चुनाव क्षेत्र जंगीपुर में अपने प्रचार अभियान को पेशेवर स्वरूप देने के लिए एक विज्ञापन एजेंसी की सेवा ली है। उक्त एजंसी ने उके लिए कई आडियो-विजुअल्स तो बनाए ही हैं, रोड शो आयोजित करने का भी फैसला किया है। कुछ गांवों में इस रोड शो का आयोजन भी किया जा चुका है। रोड शो में बीते पांच साल के दौरान सांसद के तौर पर मुखर्जी की उपलब्धियों का ब्योरा देने वाले वृत्तचित्र को शामिल किया गया है। प्रणव के अलावा उत्तर कोलकाता संसदीय सीट के माकपा उम्मीदवार मोहम्मद सलीम और भाजपा के ब्रतीन सेनगुप्ता ने भी दो अलग-अलग जनसंपर्क एजंसियों के साथ करार किया है।
अबकी जब राजनीतिक दल और उम्मीदवार हाईटेक हो रहे हैं तो चुनाव विभाग भला पीछे कैसे रहता। बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी ने ई-मेल और चिट्ठी-पत्री से आगे बढ़ते हुए अब राज्य के सभी चुनाव अधिकारियों से संपर्क के लिए ब्लाग का सहारा लिया है। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट सीईओवेस्टबंगाल डाट ब्लागस्पाट के माध्यम से राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी देबाशीष सेन प्रदेश के उन 500 चुनाव अधिकारियों के संपर्क में हैं, जिन पर लोकसभा चुनावों की जिम्मेवारी है।
सेन कहते हैं कि नौकरशाही की मौजूदा व्यवस्था में किसी जूनियर अधिकारी के लिए सीधे मुझसे बात कर पाना संभ नहीं है और अगर वह अधिकारी उचित माध्यम से मुझ तक पहुंचना चाहे तो उसमें बहुत समय लगता है। ऐसे में ब्लाग के जरिए मैं जूनियर अधिकारियों के साथ सीधे संपर्क कर सकता हूं और उन्हें जरूरी निर्देश दे सकता हूं। सेन के मुताबिक, ब्लाग के जरिए उन्हें तेजी से निर्देश देने और जूनियर अधिकारियों को सही तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करने में काफी सहायता मिली।
हाईटेक अभियान के इस दौर में बाजी किसके साथ रहती है, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन तमाम दलों और उम्मीदवार अब अब ई-प्रचार की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

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