Friday, May 2, 2014

ब्लागरों को पहचान दिलाता बॉब्स

दुनिया भर से जर्मन रेडियो सेवा डॉयचे वेले के पाठकों ने तीन हजार से ज्यादा ऑनलाइन अभियानों और ब्लॉगों को नामांकित किया है. अंतरराष्ट्रीय जूरी ने इनमें से 14 भाषाओं में वोटिंग के लिए खास ब्लॉग चुने हैं. अब आप इनमें से विजेता तय कर सकते हैं.बॉब्स 2014 के लिए ऑनलाइन वोटिंग 7 मई तक की जा सकती है. इस साल भी आप तय कर सकते हैं कि कौन से ब्लॉग या ऑनलाइन मुहिम को यूजर इनाम मिलना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय जूरी छह मुख्य श्रेणियों में ब्लॉग और ऑनलाइन मुहिम के विजेता चुनेगी. यह प्रक्रिया वोटिंग से अलग होती है और मई में जज तय करेंगे कि किस भाषा के किस ब्लॉग को वह इनाम देना चाहते हैं. आप यहां http://thebobs.com/hindi/वोट दे सकते हैं. जूरी इनाम जीतने वाले ब्लॉगरों को 30 जून से 2 जुलाई तक डॉयचे वेले ग्लोबल मीडिया फोरम के लिए बॉन बुलाया जाएगा. बॉब्स की शुरुआत 2004 में हुई. इसमें ऐसे प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं जिनमें पारदर्शिता लाना मुख्य मुद्दा है और जो अपनी भाषा या अपने इलाके से ऊपर उठकर इंटरनेट की अहमियत का अहसास दिलाते हैं. प्रतियोगिता 14 भाषाओं में होती है, तुर्की, हिन्दी, जर्मन, अंग्रेजी, चीनी, इंडोनेशियाई, अरबी, फारसी, पुर्तगाली, रूसी, स्पेनी, यूक्रेनी, बंगाली और फ्रेंच. पिछले साल बेहतरीन ब्लॉग के विजेता बने चीन के लेखक ली चेंगपेंग. इससे पहले क्यूबा की कार्यकर्ता योआनी सांचेस, ईरान के अरश सिगर्ची और लीना बेन मेनी ने पुरस्कार जीते हैं. वोटिंग में अपने पसंदीदा ब्लॉगर को जिताने के लिए आप 24 घंटों में एक बार एक श्रेणी में वोट कर सकते हैं. सबसे ज्यादा वोटों वाला ब्लॉग या वेबसाइट को “जनता की पसंद” घोषित किया जाएगा. वोटिंग के लिए बिलकुल नामांकन की ही तरह आप फेसबुक, ट्विटर या डीडब्ल्यू पर अपना अकाउंट बनाकर वोट कर सकते हैं. अगर और जानकारी चाहिए तो इसके बारे में जानकारी नियम वाले पेज पर पढ़ी जा सकती है. 7 मई को पता चलेगा कि कौनसी श्रेणी में कौनसी वेबसाइट जीती. जूरी सदस्य जिन ब्लॉगरों को चुनेंगे, वह आएंगे जून में जर्मनी और डॉयचे वेले बॉन में पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेंगे. जनता की पसंद से जीतने वाले ब्लॉगरों को सर्टिफिकेट और बैज भेजे जाएंगे जो आप अपनी वेबसाइट पर लगा सकते हैं. बर्लिन में चार और पांच मई दे दिन जूरी विजेताओं का चयन करेगी. जूरी पुरस्कार कुल छह श्रेणियों के लिए चुने जाएंगे जिसमें प्रतियोगिता बॉब्स में चुने गए सभी भाषाओं के ब्लॉग्स के बीच होगी. दो दिनों तक जूरी बहस करेगी कि कौन सा ब्लॉग सबसे अच्छा और श्रेणी में बेहतरीन है. इसके बाद बहुमत के आधार पर फैसला किया जाता है. बॉब्स के पन्ने पर सभी नामांकित वेबसाइट के साथ उनके बारे में जानकारी आपको मिल जाएगी. ब्लॉग, वेबसाइट, माइक्रोब्लॉग, वीडियो और पॉडकास्ट की मदद से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलता है. यह हाल फिलहाल में होने वाली घटनाओं का विश्लेषण करती हैं या दूर दराज और पिछड़े इलाकों से हमें खबरें देती हैं. बॉब्स की रूसी जज आलेना पोपोवा कहती हैं, "रूस में जनता जैसे कई सालों से सोई हुई थी. हर किसी को लगता था कि उसे अकेले ही हालात से लड़ना होगा. ऑनलाइन अभियानों की वजह से अब पता चला है कि रूसी समाज बदलाव के लिए तैयार है. हम एक साथ होकर कुछ कर सकते हैं. इसे सरकार का प्रोपोगेंडा भी खत्म नहीं कर पाएगा. 2011 में संसदीय चुनावों के बाद से ही ऑनलाइन अभियानों का असर दिख रहा है." अपने शहर में पोपोवा नागरिकों की और हिस्सेदारी, पारदर्शिता और राजनीति पर निगरानी पर काम करती हैं. इंटरनेट में दुनिया भर के लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पारदर्शिता के लिए काम कर रहे हैं, यह कहना है डॉयचे वेले की प्रोग्राम डायरेक्टर गेर्डा मॉयर का. "लेकिन इंटरनेट पर जासूसी होती है और नियंत्रण रखा जाता है और इस प्रतियोगिता में कई अभियान इसकी आलोचना करते हैं. वह चाहते हैं कि डिजिटल जासूसी खत्म हो." मॉयर बॉब्स प्रतियोगिता में शामिल कुछ अभियानों की मिसाल देती हैं, जैसे इंटरसेप्ट, जिसे एडवर्ड स्नोडेन के करीबी ग्लेन ग्रीनवाल्ड ने शुरू किया है या सेंसर के खिलाफ काम करने वाली वेबसाइट लैंटर्न या यूक्रेन की यूरोमैदान. जर्मन भाषी देशों में केऑस कंप्यूटर क्लब और थ्रीमा ऐसे संगठन हैं जो यूजर की जानकारी की निजता सुरक्षित करते हैं. डॉयचे वेले बॉब्स के मुख्य पार्टनरों में भारत से वेबदुनिया के अलावा यूएनआई और अन्य देशों से ग्लोबल वॉसेस, टेरा, माइनेट और चाईना डिजिटल टाइम्स शामिल हैं.