Sunday, July 19, 2009

चाय व पर्यटन उद्योग की कमर टूटी

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड की मांग में नए सिरे से शुरू बेमियादी बंद ने इलाके में चाय और पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है। इलाके की अर्थव्यवस्था इन दोनों पर ही आधारित है। इन दोनों उद्योगों से विदेशी मुद्रा की भी आय होती है। बंद से चाय उद्योग को रोज एक करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इसका पर्यटन पर भी असर पड़ रहा है। कोलकाता के टूर आपरेटरों के कारोबार में गिरावट आई है। दार्जिलिंग, सिक्किम व डुआर्स के लिए बुकिंग घटी है। पर्यटक विकल्प के रूप में हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु का चयन कर रहे हैं। ट्रैवल एजेंट एसोसियेशन आफ बंगाल के उपाध्यक्ष बच्चू चौधरी के मुताबिक हड़ताल का उत्तर बंगाल में पर्यटन पर व्यापक असर पड़ा है।
उधर, दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के सचिव संदीप मुखर्जी ने कहा है कि इस बंद ने चाय उद्योग को इस तरह प्रभावित किया है कि कुछ बागान मालिक अपना कारोबार हमेशा के लिए बंद करने की सोच रहे हैं। एक करोड़ रुपए रोज का नुकसान आखिर कितने दिनों तक बर्दाश्त किया जा सकता है। वे बताते हैं कि बीते साल की तुलना में इस बार चाय का उत्पादन 50 प्रतिशत भी नहीं होगा। बीते साल 9.5 मिलियन किलो दार्जिलिंग चाय का उत्पादन हुआ था। इस बार उसका आधा भी हो जाए तो बहुत कहा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार को ध्यान में रखते हुए भारत की साख पर इसका असर पड़ेगा। मुखर्जी ने कहा कि अगर हम अंतरराष्ट्रीय खरीददारों को चाय की आपूर्ति समय से नहीं कर पाएंगे तो वे चीन या नेपाल से चाय खरीद लेंगे। उन्हें हमारे बंद से क्या लेना देना है। वे तो अपना बाजार देखेंगे।
गोरखालैंड आंदोलन के चलते चाय उद्योग को शुरू से ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बंद ने चाय उद्योग की कमर तोड़ दी है। अब कई चाय बागान बंद हो जाएंगे।
मोर्चा की इस बेमियादी हड़ताल से दार्जिलिंग, सिक्किम और डुआर्स के लिए बुकिंग में कमी हुई है। चूंकि तीनों एक ही पर्यटन सर्किट में पड़ते हैं इसलिए एक जगह पर अशांति का बाकी जगहों पर भी असर पड़ता है। बंद के कारण 80 फीसदी से भी ज्यादा होटलों की बुकिंग रद्द हो गई है। टूरिज्म सर्विस प्रोवाइडर्स के सहायक सचिव कामता राय के मुताबिक दार्जिलिंग में व्याप्त राजनीतिक गतिरोध का डुआर्स क्षेत्र में पर्यटन प्रभावित हुआ है। पर्यटक दार्जिलिंग व डुआर्स जाने से पहले दो बार सोच रहे हैं। राबंगला, गंगटोक और पेलिंग के लिए बुकिंग में कमी हुई है।

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