Saturday, July 4, 2009

राइटर्स बिल्डिंग की ओर दौड़ने लगी ममता की रेल

प्रभाकर मणि तिवारी

कोलकाता। रेल मंत्री के तौर पर अपनी दूसरी पारी में शुक्रवार को संसद में पहला रेल बजट पेश करने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की रेल अब राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग की ओर दौड़ने लगी है। ममता ने अपने इस बजट से साफ कर दिया है कि उनकी रेल की मंजिल राइटर्स बिल्डिंग ही है। उन्होंने इस बजट में बंगाल के हर तबके के लोगों को जमकर सौगात दी है। देश में पहली बार किसी मेट्रो रेल में छात्रों को छूट देने का एलान किया गया है।
ममता बनर्जी ने रेल मंत्री के तौर पर यहां शपथ लेते ही निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए 20 रुपए में रेलवे का मासिक पास देने का एलान किया था। उनका वही एलान बजट में इज्जत योजना के तौर पर सामने आया है। इसके तहत ऐसे तमाम लोग 25 रुपए में महीने भर रोजाना सौ किलोमीटर तक का सफर कर सकते हैं जिनकी आय पंद्रह सौ रुपए मासिक है। दरअसल, उनकी यह योजना दूर-दराज के उपनगरों से रोजाना सब्जियां और दूसरे सामान बेचने या फिर काम की तलाश में महानगर आने वालों को ध्यान में रख कर ही बनाई गई है।
रेल मंत्री ने जिन पचास स्टेशनों का कायाकल्प करते हुए उनको विश्वस्तरीय बनाने का एलान किया है उनमें से कई बंगाल में हैं। उन्होंने बजट में कोलकाता से सटे काचरापाड़ा-हालीशहर रेलवे परिसर में रेलवे कोच बनाने का अत्याधुनिक कारखाना लगाने का एलान किया है। इस परिसर में रेलवे की काफी जमीन लंबे अरसे से खाली पड़ी है। इस परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। सालाना पांच सौ डिब्बों के निर्माण की क्षमता वाले इस कारखाने को निजी क्षेत्र के सहयोग से लगाया जाएगा। इसमें लोकल ट्रेनों के अलावा मेट्रो रेल के डिब्बे भी बनाए जाएंगे। ममता ने देश भर में जो तीन नर्सिंग कालेज खोलने का एलान किया है उनमें से एक कोलकाता को भी मिला है। इसके अलावा उन्होंने राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार पुरुलिया के आद्रा में एक हजार मेगावाट की बिजली परियोजना लगाने की बात कही है। उस पिछड़े इलाके में प्रस्तावित बिजली कारखाने पर होने वाले भारी-भरकम निवेश से इलाके का चेहरा तो बदलेगा ही, रेल मंत्री की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का वोट बैंक भी मजबूत होगा। बजट में बंगाल को कई ट्रेनें तो मिलेंगी ही, कइयों का विस्तार भी तय है।
कोलकाता के छात्रों के लिए रेल बजट में मेट्रो के किराए में साठ फीसद छूट का एलान किया गया है। देश में किसी मेट्रो रेल में किसी तरह की छूट का यह पहला मौका है। लेकिन रेल मंत्री ने दिल्ली के छात्रों को ऐसी कोई छूट नहीं दी है। ममता ने पूरे देश में जिन एक दर्जन नान-स्टाप ट्रेनों को चलाने का एलान किया है उनमें से एक तिहाई यानी चार तो बंगाल के हिस्से में ही आई हैं। यहां से ऐसी दो ट्रेनें दिल्ली के लिए होंगी और एक-एक मुंबई और अमृतसर के लिए।
मां,माटी और मानुष (मां, मिट्टी व मनुष्य) के जिस नारे के दम पर ममता की तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अपनी सीटें एक से बढ़ा कर 19 तक पहुंचा लीं, रेल मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस नारे का भी जिक्र किया। इसी के तहत उन्होंने निम्न आय वर्ग के लिए इज्जत योजना के साथ मोबाइल वैनों और डाकघरों के जरिए रेल टिकट बेचने का एलान किया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय बंगाल में बंद पड़े रेलवे कोच कारखाने बर्न स्टैंडर्ड और ब्रेथवेट के अधिग्रहण की बातचीत शुरू करने का भी भरोसा दिया। ममता ने कहा कि अगर राज्य बसुमती कार्पोरेशन को छोड़ दे तो उनका मंत्रालय इसके अधिग्रहण के लिए तैयार है। ध्यान रहे कि राज्य सरकार का यह निगम एक दैनिक बांग्ला अखबार प्रकाशित करता था जो अब बंद हो चुका है। इसके कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं और ममता उनके इस आंदोलन का समर्थन करती रही हैं।
रेल मंत्री ने महानगर के टालीगंज स्थित मेट्रो रेलवे अस्पताल के आधुनिकीकरण का तो एलान किया ही है, मेट्रो रेलवे का विस्तार कर उसे दक्षिणेश्वर और बैरकपुर तक करने की भी बात कही है। उन्होंने रेलवे के अस्पतालों में मेडिकल कालेज खोलने का एलान किया है। इसका फायदा भी बंगाल को मिलना तय है। उन्होंने महानगर के बीचोबीच स्थित माझेरहाट रेलवे स्टेशन को विकसित कर उसे टर्मिनल बनाने की भी बात कही है।
यहां राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ममता ने अपने इस पहले रेल बजट में आम लोगों के साथ ही बंगाल और उसकी जनता का खास ध्यान रखा है। राज्य में पहले कभी रेलवे की इतनी परियोजनाएं एक साथ शुरू नहीं हुई थी। जाहिर है कम समय में बजट बनाने के बावजूद ममता ने 2011 में होने वाले विधानसभा चुनावों का पूरा ख्याल रखा है।
जनसत्ता से

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