Wednesday, October 14, 2009

अब मॉडलिंग से अपना खर्च उठाएंगे हाथी


पश्चिम बंगाल के विभिन्न वन्यजीव अभयारण्यों में रहने वाले लगभग 86 पालतू हाथी अब मॉडलिंग के जरिए अपना खर्च खुद उठाएंगे. राज्य के वन विभाग ने हाथियों पर होने वाले भारी खर्च का कुछ हिस्सा जुटाने के लिए यह अनूठी योजना बनाई है. इसके तहत विभिन्न कंपनियां बैनर के तौर पर अपने विज्ञापन तैयार कर वन विभाग को सौंपेगा. उन बैनरों को हाथियों पर पीठ पर बांधा जाएगा. इससे होने वाली आय हाथियों को पालने पर खर्च होगी. इन हाथियों पर सरकार हर साल 80 लाख रुपए से भी ज्यादा की रकम खर्च करती है.वन मंत्री अनंत राय कहते हैं कि ‘हाथियों को पालना अब बेहद खर्चीला साबित हो रहा है. पालतू हाथियों की तादाद बढ़ने की वजह से अब खर्च पूरा नहीं हो रहा है. इसलिए सरकार ने हाथियों को मॉडल के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है.’ कम से कम एक दर्जन कंपनियों ने सरकार को हाल ही में यह प्रस्ताव दिया है कि अपने विज्ञापनों के बदले वे संबंधित हाथियों का पूरे साल का खर्च उठाने को तैयार हैं.उत्तर बंगाल में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मनींद्रचंद्र विश्वास कहते हैं कि ‘बूढ़े हाथियों को सरकार की ओर से आजीवन भत्ता दिया जाता है. उनके महावतों को भी एक निश्चित रकम दी जाती है. इस पर काफी रकम खर्च होती है. विज्ञापन से आय होने की स्थिति में पैसों की समस्या दूर हो जाएगी.’ उत्तर बंगाल स्थित विभिन्न राष्ट्रीय पार्कों और अभयारण्यों में वन विभाग के पास 86 प्रशिक्षित हाथी हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 52 हाथी जलदापाड़ा वन्यजीव अभयारण्य में हैं. इनका इस्तेमाल पर्यटकों को जंगल में घूमाने के लिए किया जाता है. वन मंत्री कहते हैं कि ‘जल्दी ही मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ बैठक में मॉडल के तौर पर हाथियों के इस्तेमाल को हरी झंडी दिखा दी जाएगी. इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति भी जरूरी है.’ वे बताते हैं कि हाथियों की पीठ पर किसी व्यावसाइक घराने के बैनर बांध दिए जाएंगे ताकि पर्यटकों की नजर उस पर पड़े. इसके बदले संबंधित घराना उस हाथी का पूरे साल का खर्च उठाएगा. राय बताते हैं कि एक हाथी पर सालाना औसतन एक लाख रुपए का खर्च आता है. हाथियों की पीठ पर बैठकर घूमने के लिए पर्यटकों से 25 से 50 रुपए की जो रकम वसूल की जाती है वह नाकाफी है. इसकी एक वजह यह है कि किसी भी राष्ट्रीय पार्क में छह महीने ही पर्यटक आते हैं. बाकी समय बरसात और प्रजनन का सीजन होने की वजह से पार्क बंद रहता है. लेकिन मॉडलिंग के एवज में हाथियों को पूरे साल का खर्च मिल जाएगा.

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