Monday, September 7, 2009

तो मत करें प्यार का सार्वजनिक इजहार!


अगर त्योहारों के इस सीजन में आप पहाड़ियों की रानी दार्जिलिंग की सैर की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. अगर आप नवविवाहित हैं और हनीमून के लिए दार्जिलिंग की हसीन वादियों में जा रहे हैं तब तो आपको और सावधानी बरतनी चाहिए. अब इन वादियों में आप पत्नी के साथ ही सही, अपने प्यार का सार्वजनिक तौर पर इजहार नहीं कर सकते. हां, इसमें पत्नी का हाथ पकड़ कर सड़कों पर घूमना भी शामिल है. वजह--इलाके में अलग राज्य के लिए लंबे अरसे से आंदोलन करने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अपने ताजा फरमान में इस पर पाबंदी लगा दी है. मोर्चा ने इससे पहले बीते साल इसी सीजन में इलाके के लोगों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया था. तब उसने कहा था कि पूरे एक महीने इलाके के लोग पारंपरिक गोरखा ड्रेस में ही नजर आएंगे.उस समय भी मोर्चा के फरमान की काफी आलोचना हुई थी और अब भी हो रही है. गोरखा मोर्चा की युवा शाखा के प्रमुख रमेश कहते हैं कि ‘हमने समाज के भले के लिए ही यह फैसला किया है.’ वे कहते हैं कि ‘हमारे कार्यकर्ता पूरे इलाके में इस फरमान को कड़ाई से लागू कराएंगे.’ इसका असर भी नजर आने लगा है. इसी सप्ताह दार्जिलिंग के मशहूर मॉल चौरास्ता पर इन उत्साही कार्यकर्ताओं ने एक जोड़े को सार्वजनिक स्थल पर प्यार के इजहार के लिए सजा दी और माफी मांगने के बाद ही उसे छोड़ा. उस जोड़े का कसूर यह था कि पति-पत्नी एक-दूसरे का हाथ पकड़े वादियों का हसीन नजारा देख रहे थे.मोर्चा के नेता भले अपने ताजा फरमान को सही ठहराएं, आम लोग और होटल मालिक इसकी आलोचना में जुटे हैं. लेकिन मोर्चा के दबदबे को देखते हुए अब तक किसी ने खुल कर इसका विरोध नहीं किया है. मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इस फऱमान को कड़ाई से लागू करने के फेर में कई जोड़ों के साथ बदतमीजियां की हैं. उनके खिलाफ थाने में शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं. लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बंगाल में दुर्गापूजा की छुट्टियां शुरू होते ही इन पहाड़ियों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जाती है. अक्तूबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होने वाला यह पर्यटन सीजन नववर्ष तक जारी रहता है. इस दौरान तमाम होटल पहले से बुक हो जाते हैं. इलाके की अर्थव्यवस्था भी पर्यटन पर ही आधारित है.लेकिन अबकी होटल मालिक इस फरमान से डरे हुए हैं. एक होटल मालिक नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं कि इससे लोग यहां आने से डरेंगे. वे सवाल करते हैं कि ‘अब अगर पति-पत्नी का एक-दूसरे का हाथ पकड़ना अपराध है तो यहां लोग भला घूमने क्यों आएंगे?’ होटल मालिकों का कहना है कि इस फरमान से इलाके की बदनामी तो होगी ही, पर्यटकों की आवक पर भी इसका असर पड़ेगा. महाराष्ट्र से हनीमुन के लिए दार्जिलिंग आए एक इंजीनियर अजय भारद्वाज इससे परेशान हैं. वे कहते हैं कि ‘यहां आने के बाद इसका पता चला. इतनी पाबंदी में कौन होटल से बाहर निकलेगा.’ दस दिनों के लिए दार्जिलिंग आए अजय दो दिनों बाद ही सिक्किम चले गए.बीते तीन दिनों में इस मामले में मोर्चा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कर्सियांग थानों में छह शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं. दार्जिलिंग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अखिलेश चतुर्वेदी कहते हैं कि ‘हम इन शिकायतों की जांच कर रहे हैं. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’ लेकिन पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही पर भरोसा कम ही है.लोग कहते हैं कि बीते साल मोर्चा की ओर से लागू ड्रेस कोड का सबको मजबूरन पालन करना पड़ा था. इस बार भी उसके समर्थक ताजा फरमान को जबरन लागू कर रहे हैं. ऐसे में इस सीजन में यहां आने वाले जोड़ों को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.

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