प्रभाकर मणि तिवारी
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु का अंतिम संस्कार नहीं होगा। उन्होंने अपना शरीर पहले ही दान कर दिया था। उनकी इच्छा के अनुरूप मंगलवार को अंतिम यात्रा के बाद उनका शव यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल को सौंप दिया जाएगा। बसु के पार्थिव शरीर को मंगलवार को सुबह साढ़े नौ बजे केंद्र पीस हैवन से प्रदेश के सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग ले जाया जाएगा।
माकपा के प्रदेश सचिव बिमान बोस ने बताया कि बसु के पार्थिव शरीर को चार घंटे के लिए, साढ़े 10 बजे से दोपहर ढाई बजे तक प्रदेश विधानसभा परिसर में रखा जाएगा, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें।
उन्होंने बताया कि इस दौरान बांग्लादेश समेत देश-विदेश के नेता बसु को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। बोस ने बताया कि इसके बाद उनकी देह को दोपहर तीन बजे अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित पार्टी मुख्यालय ले जाया जाएगा। वहां से अंतिम यात्रा के तौर पर उन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले जाएंगे। बसु की देह को पार्टी मुख्यालय में एक घंटे के लिए रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस दौरान वहां माकपा पोलितब्यूरो और केंद्रीय समिति के सभी सदस्य आएंगे। पार्टी मुख्यालय में आने वाले लोग शब्दों के माध्यम से अपनी संवेदनाएं प्रकट कर सकें, इसलिए वहां एक श्रद्धांजलि पुस्तिका भी रखी जाएगी।
ज्योति बाबू के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्होंने इसे दान करने का फैसला किया था। उनके शरीर का उपयोग चिकित्सा संबंधी शोध के लिए किया जाएगा।
बसु ने करीब सात साल पहले ऐलान किया था कि उनकी मौत के बाद 'गणदर्पण' नामक एनजीओ को उनका शव दान कर दिया जाए। माकपा नेता राबिन देब ने बताया कि उनकी इस इच्छा के अनुरूप मंगलवार को 'पीस हेवेन' नामक फ्यूनरल पार्लर से उनका आखिरी सफर शुरू होगा। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर सचिवालय व विधानसभा होते हुए पार्टी मुख्यालय और फिर एसएसकेएम अस्पताल ले जाया जाएगा।
बसु नेत्रदान कर चुके थे इसलिए एक नेत्र अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी आंखें निकाल कर सुरक्षित रख ली हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने दिवंगत नेता के सम्मान में सोमवार को अवकाश की घोषणा की है।
ज्योति बसु की अंतिम इच्छा थी कि वह साल्ट लेक स्थित इंदिरा भवन में अपनी आखिरी सांस लें। बसु के निजी सचिव जय कृष्ण घोष ने नम आंखों से कहा कि अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद वह लगातार कहते थे कि उन्हें इंदिरा भवन ले जाया जाए। वह मुझसे लगातार पूछा करते थे कि मुझे घर कब लेकर जाओगे। वह कहते थे कि तुमने मुझसे वादा किया था कि एक दिन अस्पताल में रखने के बाद तुम मुझे घर ले चलोगे। घोष ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा इंदिरा भवन में आखिरी सांस लेने की थी। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया।
Monday, January 18, 2010
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कामरेड़ ज्योति बसु को लाल सलाम
ReplyDeleteज्योति बाबू को श्रद्दामजलि।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
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