वक्त की पाबंदी और अनुशासन सिखाने का शायद यह भी एक तरीका है! नगरपालिका चुनाव के लिए परचा दाखिल करने के लिए एक उम्मीदवार जब सब-डिवीज़नल अफसर (एसडीओ) के कार्यालय में तय समय से देर से पहुंचा तो वहां पहले से इंतजार कर रहे पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने अपने उस नेता की ही धुनाई कर दी. यह दिलचस्प घटना पश्चिम बंगाल में नदिया जिले के कल्याणी में हुई. हालांकि मार खाने और कपड़े फड़वाने के बाद उस नेता ने अपना परचा दाखिल कर दिया. लेकिन यह सबक उनको आगे चुनाव प्रचार के दौरान भी शायद नहीं भूलेगा. बंगाल में 81 नगरपालिकाओं के लिए 30 मई को चुनाव होने हैं.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की स्थानीय शाखा के अध्यक्ष पी.के.सूर को नगरपालिका चुनाव के लिए अरना परचा दाखिल करना था. तय समय से पहले ही पार्टी के एक हजार से ज्यादा समर्थक अपने नेता की अगवानी के लिए एसडीओ के कार्यालय के सामने जमा हो गए थे. लेकिन नेता तो ठहरे नेता. वे तय समय से कोई दो घंटे देर से अपने तीन साथियों के साथ वहां पहुंचे. इस दौरान कड़ी धूप में नारेबाजी करने वाले समर्थकों का पारा चढ़ गया था. नेताजी को एअरकंडीशंड गाड़ी से उतरते देख कर लोगों ने आव देखा न ताव, उन पर पिल पड़े. उसके तीन साथी भी अपने समर्थकों की मार से नहीं बच सके. वह तो कुछ देर तक चली पिटाई के बाद पुलिस और दूसरे लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया. लेकिन तब तक नेताजी का चेहरा बदल गया था और कपड़े भी फट गए थे.
खैर, सूर ने बाद में एसडीओ कार्यालय में जाकर अपना परचा दाखिल कर दिया. सूर कहते हैं कि ‘पार्टी कार्यालय में नेताओं के साथ विचार-विमर्श करने की वजह से उनको कुछ देर हो गई.’ उनका आरोप है कि यह माकपा के लोगों की हरकत है. वे कहते हैं कि ‘माकपा के कुछ समर्थक हमारे कार्यकर्ताओं में शामिल हो गए थे. उन्होंने ही मुझ पर हमला किया.’
पुलिस ने इस मामले में एक मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. वैसे, परचा भरने से पहले ही मिले इस सबक को नेताजी कम से कम चुनाव प्रचार के दौरान तो जरूर याद रखेंगे!
Saturday, May 8, 2010
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